मेरे बारे में

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दिल्ली, India
मेरे बारे में: अगर रख सको तो एक निशानी हूँ मैं, खो दो तो सिर्फ एक कहानी हूँ मैं , रोक पाए न जिसको ये सारी दुनिया, वोह एक बूँद आँख का पानी हूँ मैं..... सबको प्यार देने की आदत है हमें, अपनी अलग पहचान बनाने की आदत है हमे, कितना भी गहरा जख्म दे कोई, उतना ही ज्यादा मुस्कराने की आदत है हमें... इस अजनबी दुनिया में अकेला ख्वाब हूँ मैं, सवालो से खफा छोटा सा जवाब हूँ मैं, जो समझ न सके मुझे, उनके लिए "कौन" जो समझ गए उनके लिए खुली किताब हूँ मैं, आँख से देखोगे तो खुश पाओगे, दिल से पूछोगे तो दर्द का सैलाब हूँ मैं,,,,, "अगर रख सको तो निशानी, खो दो तो सिर्फ एक कहानी

जब मैं छोटा था............

जब मैं छोटा था,शायद दुनिया बहुत बड़ी हुआ करती थी...मुझे याद है मेरे घर से "स्कूल" तक का वो रास्ता,क्या क्या नहीं था वहां,छत के ठेले, जलेबी की दुकान, बर्फ के गोले, सब कुछ, अब वहां "मोबाइल शॉप", "विडियो पार्लर" हैं, फिर भी सब सूना है....शायद अब दुनिया सिमट रही है......जब मैं छोटा था,शायद शामे बहुत लम्बी हुआ करती थी....मैं हाथ में पतंग की डोर पकडे, घंटो उडा करता था, वो लम्बी "साइकिल रेस", वो बचपन के खेल,वो हर शाम थक के चूर हो जाना, अब शाम नहीं होती, दिन ढलता है और सीधे रात हो जाती है..........शायद वक्त सिमट रहा है........जब मैं छोटा था,शायद दोस्ती बहुत गहरी हुआ करती थी, दिन भर वो हुज़ोम बनाकर खेलना, वो दोस्तों के घर का खाना, वो लड़किया, वो साथ रोना, अब भी मेरे कई दोस्त हैं, पर दोस्ती जाने कहाँ है, जब भी "ट्रेफिक सिग्नल" पे मिलते हैं "हाई" करते हैं, और अपने अपने रास्ते चल देते हैं,शायद अब रिश्ते बदल रहें हैं......

3 टिप्‍पणियां:

  1. sachmuch..waqt badal gaya ha..rishto ki taseer badal gayi ha...ab har insan atmkendrit ho raha ha...par vo b majbur ha....majbur ha apne lalach k samne kabi na khtm hone wali zaroorato k samne.......

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  2. dil ko chhu lene wali baatein hain ye Abhijeet Ji....kya kahu...sach or haqiqat ki tareef nahi ki jaati.....

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  3. dil ro gaya yaar

    kya likhte ho

    amzinnnggggggggggggggggggg

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